

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 90 विधानसभा सीटों में से 54 पर जीत हासिल की। इस जीत के बाद भी पार्टी के अंदर हारे हुए विधायकों को लेकर गहन मंथन चल रहा है। संगठन में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं कि इन विधायकों का भविष्य क्या होगा। कुछ लोग कह रहे हैं कि पुराने नेताओं को नई जिम्मेदारियाँ सौंपी जाएंगी, जबकि कुछ का मानना है कि इन्हें मंडल या आयोग में स्थान दिया जाएगा।
इन हारे हुए विधायकों में से कई ऐसे हैं जिन्होंने 2018 के चुनाव में भाजपा की साख बचाने का काम किया था। उन्होंने भाजपा के बुरे दौर में भी पार्टी को सम्मान दिलाया और जीत हासिल की थी। लेकिन, हाल ही में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की गतिविधियों से हारे हुए विधायकों के मन में कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। वे जानना चाहते हैं कि अब उनका भविष्य क्या होगा और पार्टी उन्हें किस तरह की जिम्मेदारी सौंपेगी।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, भाजपा का शीर्ष नेतृत्व हारे हुए विधायकों के अनुभव और समर्पण को देखते हुए उन्हें संगठन में महत्वपूर्ण भूमिकाओं में लाने पर विचार कर रहा है। इन विधायकों की लंबी राजनीतिक अनुभव और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा को देखते हुए, संगठन में उन्हें महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया जा सकता है।
एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, “हमारे लिए हर विधायक महत्वपूर्ण है, चाहे वह जीता हो या हारा। हम संगठन को मजबूत बनाने के लिए सभी का योगदान चाहते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व हारे हुए विधायकों के अनुभव और सुझावों को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक योजना तैयार कर रहा है।
इसके अलावा, कुछ विधायकों को मंडल या आयोग में नियुक्त किए जाने की भी संभावना है। इससे उन्हें जनता की सेवा का मौका मिलेगा और संगठन में उनका अनुभव भी काम आएगा। भाजपा के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह हारे हुए विधायकों को उचित सम्मान और भूमिका दे, ताकि पार्टी की एकजुटता और ताकत बनी रहे।
हारे हुए विधायकों के मन में उठ रहे सवालों को दूर करने के लिए पार्टी जल्द ही योजना बना सकती है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि हारे हुए विधायकों का योगदान संगठन को और मजबूत बनाएगा और आगामी चुनावों में पार्टी को सफलता दिलाने में मदद करेगा।

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