

बिलासपुर। जोनल स्टेशन के करीब बीसीएन यार्ड में मंगलवार को एक अप्रेंटिस की करंट लगने से मौत हो गई। मृतक, महाराष्ट्र के जलगांव निवासी प्रसाद गजानन काले, अपने चार सहयोगियों के साथ वैगन की वेल्डिंग के लिए गए थे। वेल्डिंग के दौरान अचानक करंट लगने से उनकी मौत हो गई। घटना के बाद उन्हें रेलवे अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटना के बाद अप्रेंटिसशिप कर रहे प्रशिक्षुओं ने रेलवे अस्पताल का घेराव कर हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने रेल प्रशासन की लापरवाही को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया। स्थिति तनावपूर्ण हो गई और आनन-फानन में एडीआरएम समेत कुछ अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। आरपीएफ की टीम ने गुस्साए प्रशिक्षुओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद ही वे शांत हुए।
घटना के वक्त काले अन्य तीन सहयोगियों के साथ बीसीएन डिपो में मरम्मत कार्य के लिए पहुंचे थे। जैसे ही वेल्डिंग मशीन लेकर वैगन में वेल्डिंग का प्रयास किया, वे करंट की चपेट में आ गए। अन्य सहयोगियों ने उनकी जान बचाने का प्रयास किया, लेकिन वे असफल रहे। रेलवे अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मौत की खबर सुनते ही सभी अप्रेंटिस रेलवे अस्पताल पहुंच गए और रेल प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ जमकर हंगामा करने लगे। अस्पताल प्रबंधन ने आरपीएफ को सूचित किया और एडीआरएम मौके पर पहुंचे। प्रशिक्षुओं ने मुआवजा और मृतक के परिवार के एक सदस्य को रेलवे में नौकरी देने की मांग की। करीब तीन घंटे तक हंगामा और नारेबाजी के बाद, एडीआरएम के संतोषप्रद आश्वासन के बाद ही उनका गुस्सा शांत हुआ। तत्पश्चात, तारबाहर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम के लिए ले जाया।
प्रशिक्षुओं का आरोप है कि रेलवे सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराता। मृतक के पास केवल टूल बॉक्स था और उसे सुरक्षा के लिए ग्लव्स तक नहीं दिए गए थे। एसएससी पर आरोप लगाया गया कि जब सुरक्षा उपकरणों की मांग की जाती है, तो उन्हें मना कर दिया जाता है और धमकी दी जाती है कि अनुपस्थिति लगा दी जाएगी।

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