

नेता भी पहुँचे परीक्षा देने ताकि अनपढ़ न कहलाएँ

(निरक्षर की परीक्षा संपन्न: बुजुर्ग महिलाओं ने बढ़चढ़कर लिया हिस्सा)
जबलपुर
पंच, सरपंच और यहाँ तक की जिला पंचायत सदस्य भी साक्षरता की परीक्षा देने पहुँचे। जिले के 1830 केन्द्रों में हुई परीक्षा के दौरान ऐसे कई दिलचस्प नजारे देखने मिले। कई स्कूलों में उम्रदराज परीक्षार्थी भी नजर आए, उनके हाथ-पैर भले ही कांपते रहे लेकिन निरक्षरता से दो-दो हाथ करने का जज्बा काबिल-ए-तारीफ रहा। इस संबंध में संकुल सह समन्वयक विपिन विश्वकर्मा ने बताया कि साक्षरता दर बढ़ाने राज्य शिक्षा केन्द्र के निर्देश पर नव साक्षरों के लिए मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता परीक्षा का आयोजन किया गया। जिले के सभी शासकीय शालाओं को परीक्षा केंद्र बनाया गया। जिसमें तकरीबन 42,000 नव साक्षर परीक्षा में शामिल हुए। सुबह 10 से 5 बजे तक परीक्षा चली। परीक्षार्थी अपनी सुविधा के अनुसार 3 घंटे के इम्तिहान में शामिल हुए। जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी अंजनी सेलेट ने अनेक सामाजिक चेतना केन्द्रों का भ्रमण कर परीक्षा का जायजा लिया। जिला सह-समन्वयक प्रकाश चंदेल ने बताया कि जिले के सभी प्राचार्य, शाला प्रभारी, शिक्षक तथा अक्षर साथियों ने परीक्षा संपन्न कराने में अहम भूमिका अदा की।
मार्कशीट भी मिलेगी
परीक्षा में सफल परीक्षार्थियों को साक्षरता राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान नई दिल्ली द्वारा प्रमाण-पत्र सह अंकसूची प्रदान की जाएगी। बहरहाल, परीक्षा के दौरान अनेक शालाओं में नवसाक्षरों का स्वागत-सम्मान किया गया।
हाथ कांपते रहे पर लिखते गए
-जबलपुर जिला पंचायत सदस्य मुन्नी बाई उईके के अलावा परिक्षेत्र के निरक्षर सरपंच व पंच भी इस निरक्षर परीक्षा में शामिल हुए।
-70 वर्षीय बुजुर्ग महिला के साथ अन्य सैकड़ों की तादाद में महिलाएँ परीक्षा देने पहुँचीं।
-एकीकृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धनपुरी में 85 वर्षीय पन्ना लाल लोधी ने बताया कि बचपन में सुविधाओं में अभाव के कारण शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाए, अब अक्षर साथियों की मदद से पढऩा-लिखना सीख गए हैं।
- संकुल केंद्र शासकीय उच्च माध्यमिक शाला बरगी नगर में संकुल अधीनस्थ 22 परीक्षा केन्द्रों में 500 परिक्षार्थी शामिल हुए। संकुल सह-समन्वयक विपिन विश्वकर्मा ने बताया कि केन्द्रों पर सबसे पहले परिक्षार्थी का तिलक वंदन के साथ स्वागत किया गया।

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