

मम्मी को अगर पापा करते हैं परेशान, तो यहां करें शिकायत, वकील साहब करेंगे मदद

(लीगल एड क्लिनिक विधिक सहायता केंद्र का शुभारंभ कलेक्ट्रेट में हुआ)
जबलपुर
समाज के पीड़ित बच्चों, महिलाओं व दिव्यांगों को कानूनी सहायता देने के मकसद से कलेक्ट्रेट कार्यालय में लीगल एड क्लीनिक शुरू किया गया है. जबलपुर में यह पहला केंद्र है. इससे अब किसी भी असहाय को न्याय के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. लीगल एड क्लीनिक में एक वकील होगा, जिसे पीड़ित अपनी समस्याएं बता सकेंगे. अगर किसी महिला के साथ घर में मार-पीट होती है, उसका पति उसे परेशान करता है या अन्य समस्याएं हैं, तो उस महिला को इस क्लीनिक से मदद मिल सकती है. इस केंद्र से दिव्यांग, महिलाएं और बच्चे लाभ पा सकते हैं. यह लीगल एड क्लीनिक उन असहाय लोगों के लिए काम करेगा जो जिला मुख्यालय आने में असमर्थ हैं या फिर धारा 12 के अधीन पात्रता में आते हैं. इस लीगल क्लीनिक में अधिवक्ता पैनल की तैनाती रहेगी, जो पीड़ित की शिकायत को सुनेगा और मुख्यालय स्तर पर पैनल को अवगत कराएगा. इसके बाद पीड़ित की समस्या को उसके ही स्तर पर हल करने की कोशिश होगी. किस तरह के अपराध से मिलेगा लीगल एड क्लीनिक केंद्र पर बच्चों को भी मदद मिलेगी. जो बच्चे घर पर अपनी बात नहीं कह पाते या माता-पिता से खुलकर बात करने में डरते हैं, उन्हें मदद मिलेगी. यह क्लीनिक उन महिलाओं की भी पूरी मदद करेगा, जो घरेलू हिंसा का शिकार हो रही हैं और इसकी शिकायत तक दर्ज नहीं करा पातीं. जिन दिव्यांगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता, उन्हें भी क्लीनिक के वकील कानूनी सहायता पहुंचाएंगे.
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव और अपर जिला जज उमाशंकर जायसवाल ने बताया कि लीगल एड क्लीनिक वह योजना है, जिसमें निर्धन, असहाय और मुख्यालय तक न पहुंचने वालों को न्याय दिलाया जाता है. कलेक्ट्रेट में पहला लीगल एड क्लीनिक शुरू किया गया है. इसके जरिए जिले में ग्रामीण स्तर तक लोगों को विधिक सहायता पहुंचाई जाएगी
इस अवसर पर अपर कलेक्टर नाथूराम गौड सहित समस्त अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे

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