


बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी में बांग्लादेश के 50 न्यायिक अधिकारियों का 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आज सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। प्रशिक्षण के अंतिम दिवस में मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा ने अकादमी पहुँचकर इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को यादगार बना दिया। मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा ने न्यायपालिका में न्यायालय प्रबंधन और तकनीक के उपयोग विषय पर सारगर्भित व्याख्यान देते हुए कहा कि न्यायपालिका का मुख्य कार्य निष्पक्ष और शीघ्र न्याय प्रदान करना है उन्होने अपने उद्बोधन में इस बात पर जोर दिया कि न्यायाधीशों को कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए ना केवल अच्छा प्रबंधक होना आवश्यक है बल्कि तकनीकी रूप से निपुण होना भी आवश्यक है। उन्होंने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के कार्य और न्यायालय की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग प्रकिया से भी बांग्लादेश के न्यायिक अधिकारियों को अवगत कराया।
यह प्रशिक्षण इस मायने में एक ऐतिहासिक महत्व के रूप में दर्ज हुआ कि पहली बार राज्य न्यायिक अकादमी ने देश की सीमा के बाहर के न्यायिक अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागी न्यायिक अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के सत्कार और अन्य व्यवस्थाओं के लिए आभार व्यक्त किया।
इस प्रशिक्षण सत्र के दौरान बांग्लादेश के न्यायिक अधिकारियों के सम्मान में मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा के द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी में विशेष रात्रि भोज एवं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में हाई-टी का आयोजन दो विभिन्न दिवस पर किया गया। दोनो ही अवसर पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधिपतिगण की गरीमामय उपस्थिति रही। बांग्लादेश के न्यायाधीशगण ने इस दौरान उच्च न्यायालय और जिला न्यायालय बिलासपुर का भ्रमण कर न्यायिक कार्य को देखा एवं समझा और तहसील बिल्हा के ऐतिहासिक स्थल ‘ताला’ का भ्रमण कर वे अभिभूत हुए।