


RAIPUR. छत्तीसगढ़ आम आदमी पार्टी से बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही हैं। आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका लगा है। छत्तीसगढ़ आम आदमी पार्टी इकाई के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी और कोरबा से चुनावी उम्मीदवार रहे प्रदेश सचिव विशाल केलकर सहित ,आनंद प्रकाश मिरी अकलतरा प्रत्याशी,प्रदेश उपाध्यक्ष,रविंद्र सिंह ठाकुर प्रदेश अध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ ,धरम भार्गव मस्तूरी प्रत्याशी प्रदेश अध्यक्ष अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया हैं। दोनों नेताओं के भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं। बता दें कि दोनों ही नेताओं का पार्टी के विस्तार में बड़ा योगदान था।
दोनों ही पार्टी की तरफ से इस बार उम्मीदवार भी थे लेकिन उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था। आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने वाले प्रदेश अध्यक्ष कोमल हूपेन्डी ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ जमकर हमला बोला हैं। हूपेन्डी और इस्तीफा देने वाले प्रदेश उपाध्यक्ष ने संयुक्त रूप से आरोप लगाया है कि केजरीवाल की आम आदमी पार्टी कांग्रेस से मिली हुई और उनकी बी टीम हैं। वे कभी भी कांग्रेस के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ते। उन्होंने छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रभारी संजीव झा पर भी जमकर हमला बोला और कहा कि इस तरह के प्रदेश प्रभारी के चलते पूरे प्रदेश में आम आदमी पार्टी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाई
उत्तराखंड, हिमाचल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में भी यही हुआ। वे झूठे सपने दिखाकर कार्यकर्ता को खड़ा करते हैं। और फिर चुनाव के समय जनता और कार्यकर्ता को धोखा देते हैं। पूर्व पदाधिकारियों ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लू के थपेड़े में इंजेक्शन लेकर हमने चुनाव प्रचार किया। लेकिन चुनाव के दौरान इंडिया गठबंधन से समझौता कर सबको धोखा दिया। इसी से आहत होकर हमने इस्तीफा दिया हैं।
गौरतलब हैं कि आम आदमी पार्टी के छग प्रदेश प्रमुख और पार्टी के सबसे बड़े आदिवासी चेहरा रहे कोमल हूपेन्डी ने पार्टी को अलविदा कह दिया हैं। उनके साथ ही प्रदेश उपाध्यक्ष आनंद मिरी और प्रदेश सचिव व कोरबा क्षेत्र के दिग्गज समाजसेवी विशाल केलकर ने भी आम आदमी पार्टी से नाता तोड़ लिया हैं। इस तरह पार्टी के पूरे शीर्ष नेतृत्व ने आम आदमी के प्रदेश इकाई को तगड़ा झटका दिया हैं।
कोमल हूपेन्डी के ही नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने प्रदेश के ज्यादातर सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। 2018 के विधानसभा चुनाव में खुद कोमल हुपेंडी को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस और बीजेपी के बाद वे तीसरे स्थान पर रहे थे। 2023 में पार्टी ने फिर से कोमल हुपेंडी भानूप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र विधायक की टिकट दी मगर इसमें भी हार गए। पार्टी के नाकामी का आलम यह रहा कि उनके एक भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत पाए।

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