

लंपी वायरस ने पसारे पैर, नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार ग्रसित हो रहे मवेशी

पशु चिकित्सा विभाग की टीम अलर्ट : वायरस से ग्रसित गोवंश को घरों में किया आइसोलेट, गौशाला में करवाया टीकाकरण
सिहोरा
करीब 11 माह के अंतराल के बाद मवेशियों में फैलने वाली लंपी स्किन डिजीज (एसएसडी) फिर पैर पसार रही है। सिहोरा नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में लंपी वायरस की चपेट में मवेशी आ रहे हैं। नंपी वायरस के लगातार बढ़ते मामलों को लेकर पशु चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड में आ गया है। लंपी वायरस की चपेट में आने वाले गोवंश को पशु मालिकों के घर में आइसोलेट कर उनका इलाज करने के साथ टीकाकरण किया जा रहा है।
पिछले कुछ दिनों से गोवंश में लंपी वायरस का प्रकोप देखा जा रहा है, जो की एक वायरस जनित रोग है तथा एक से दूसरे मवेशी में फैला है। विकासखंड पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नीता मनोचा ने बताया कि नंपी वायरस से मवेशियों की रोकथाम के लिए गौशालाओं में टीकाकरण कराया गया, ताकि झुंड के कारण सभी गोवन सुरक्षित रहें इसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में भी टीकाकरण कराया जा रहा है।
आइसोलेट कराए निराश्रित गोवंश
नगरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे निराश्रित गोवंश जिसमें लंबी वायरस के लक्षण थे, दो दल बनाकर डॉ. शुभ्रा ब्यौहार, डॉ अभिषेक शुक्ला के निर्देशन में आइसोलेशन कराया गया। नगर पालिका के दल में एसएसए कादरी, डॉ अभिनव सत्यम अभितेंद्र एवं ग्रामीण दल में डॉक्टर आशीष पंकज शशांक सुरेश दुबे एवं राजभान द्वारा को कैचर और हाका गैंग वाहन उपलब्ध कराया गया ताकि निराश्रित गोवंश को आइसोलेट किया जा सके।
ये हैं लंपी वायरस के लक्षण
पशु चिकित्सा विभाग के मुताबिक लंपी वायरस की चपेट में आने पर मवेशी सुस्त हो जाता है। आंख और नाक से लगातार पानी आने लगता है साथ ही मवेशी खाना खाना छोड़ देता है। हालांकि लंपी वायरस में मवेशियों की मौत की संभावना बहुत कम रहती है लेकिन मवेशी का समय पर इलाज और वैक्सीन लगना जरूरी है। लंपी वायरस में गोट पोक्स वैक्सीन लगाई जाती है।

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