

बाजार में बिक रहा नकली खरपतवार नाशक, नहीं हो रहा असर

किसानों की परेशानी : खरपतवार नियंत्रण की दवाइयां अनुपयोगी, अन्नदाता के लिए बनी सर दर्द,
सिहोरा
निजी कृषि सेवा केंद्रों पर मिलने वाली खरपतवार नाशक दवाइयां किसानों के लिए सिरदर्द बन गई हैं। सिहोरा और मझौली तहसील के अधिकांश किसानों ने खेतों में खरपतवार नियंत्रण के लिए दवाइयां डाली तो जरूर, लेकिन वह अनुपयोगी साबित हो रही हैं। वहीं कई किसानों की फसलें दवाइयां से नष्ट भी हो रहे हैं, लेकिन कृषि विभाग के संबंधित अधिकारी इसको लेकर गंभीर नहीं हैं।
किसान मुन्ना सरावगी, दुलारू पटेल, वकील पटेल, भूरा पटेल, विजय पटेल, नितिन पटेल ने बताया कि उन्होंने अपने खेत में धान का रोपा लगाया था। रोपा में कचरा अधिक होने पर उन्होंने खरपतवार नाशक निजी कृषि सेवा केंद्र से लाकर स्प्रे किया, लेकिन खरपतवार का कहीं भी असर दिखाई नहीं दिया। इस बात को लेकर उन्होंने दुकानदार से शिकायत भी की, लेकिन दुकानदार यह कहकर पल्ला झाड़ने लगा कि दवा कंपनी को इससे अवगत कराएंगे। ग्रामीण क्षेत्र से लगातार किसने की शिकायतें आ रही है की फसल में खरपतवार नाशक दवा का स्प्रे बी असर साबित हो रहा है।
33 हजार हेक्टेयर में बोई गई है धान की फसल, खरपतवार से किसान परेशान
सिहोरा और मझौली तहसील में 33 हजार हेक्टेयर में धान बोई गई है। अधिकतर किसानों ने धान का रोपा लगाया है, लेकिन खेत में लगातार खरपतवार के कारण किसान परेशान हैं। कृषि सेवा केदो से किसानों ने महंगे दामों पर खरपतवार नाशक दवा खरपतवार नाशक दवा खरीद कर उसका स्प्रे तो किया, लेकिन दावों का कोई भी असर खरपतवार पर नहीं दिख रहा जिसको लेकर किसान परेशान हैं।
फील्ड पर नहीं रहते कृषि अधिकारी, मुख्यालय से ही किसानों को देते हैं दिशानिर्देश
किसानों का आरोप है कि कृषि अधिकारी फील्ड में नहीं जाकर मुख्यालय से ही किसानों को दिशा निर्देश देते रहते हैं। वहीं निजी कृषि सेवा केंद्रों की जांच नहीं होने से नकली दवाइयां का कारोबार चरम पर है। खेत में दवा का स्प्रे करने पर फसल तो प्रभावित होती ही है इसका असर दूसरी बार बोई गई फसल पर भी होता है।
खास-खास
सिहोरा मझौली तहसील में 33 हजार हेक्टेयर में बोई गई धान की फसल
चारा, गाजर घास, गुदला, बासिया चारा, सामा बट्टा जैसे खरपतवार से किसान परेशान
सिहोरा-मझौली तहसील में 1000 से अधिक निजी कृषि सेवा केंद्र
बाजार में 30 से अधिक प्रकार की खरपतवार नाशक दवाएं बिक रही निजी कृषि सेवा केंद्रों में
क्या कहते हैं जिम्मेदार
निजी कृषि सेवा केंद्रों में बिकने वाली खरपतवार नाशक दवाओं की सैंपलिंग की जाती है और उन्हें जांच के लिए भेजा जाता है। कुछ किसानों की खरपतवार का असर नहीं होने की शिकायतें भी मिली हैं। जल्द ही दुकानों से ऐसी खरपतवार नाशक दावों की सैंपलिंग की जाएगी।
मनीषा पटेल, अनुविभागीय अधिकारी कृषि सिहोरा

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