
अंचल की जीवन रेखा हिरण नदी की धार हुई बंद, सिहोरा नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में गहराया जल संकट


खितौला हिरण नदी घाट में बचा सिर्फ एक या 2 दिन जलापूर्ति का पानी, कई स्थानों पर पोखर बन गए की स्थिति
सिहोरा
अंचल की जीवन रेखा हिरन नदी अप्रेल माह में ही सूखने लगी है। तेज गर्मी और लगातार जल के दोहन के कारण हिरन नदी पर संकट के बादल नजर आने लगे हैं। हालात यह हैं सिहोरा और खटोला में जल संकट गहरा गया है। हिरण नदी में सिर्फ एक या 2 दिन की सप्लाई का ही पानी हिरण नदी खितौला घाट में शेष है। नगरपालिका के अधिकतर वार्डों में बिजनौर जल संकट की स्थिति बनने लगी है। वही नगरपलिका अभी तक जलापूर्ति के लिए वैकल्पिक इंतजाम भी पूरे नहीं कर पाया है सिर्फ बैठकों का दौर चल रहा है। वही नर्मदा पेयजल आपूर्ति के लिए खड़ी टंकियां सिर्फ चिढ़ा रही हैं। नगर पालिका में पाइपलाइन दिल्ली करीब 4 माह से ज्यादा का समय हो गया लेकिन अभी तक सिर्फ टेस्टिंग का काम ही चल रहा है।
ऐसे में हिरन नदी से लगे ग्रामों में भूजलस्तर लगातार नीचे खिसक गया है, अनेक ग्रामों के हेण्डपम्प बन्द हो गए हैं। जलसंकट की स्थिति के हालात हैं। ग्रामीण इलाकों में लोग पेयजल की समस्याओं के चलते खेत के बोर से पानी के लिए मजबूर हो गए हैं। सामने जलसंकट गहराने लगा है।मालूम रहे कि गांवों में हिरन नदी के पानी से ही जलस्रोतों में पीने के पानी का जलस्तर बना रहता है। गर्मी में अपेक्षाकृत वृद्धि से जलसंकट गहराने से मई-जून माह में हालात और भयावह हो जाएगे।
हिरन नदी के लगातार सूखने को और जलसंकट को लेकर पिछले वर्ष बनी थी ऐसी ही स्थिति गत वर्ष मई माह में पड़ी भीषण गर्मी के चलते हिरन नदी पूरी तरह सूख गई थी। जिससे आसपास के ग्रामों में पीने के पानी के लिए हाहाकार मच गया था।गत वर्ष मई माह के प्रथम सप्ताह में बरगी दायीं तट नहर से पानी हिरन में छोड़ा गया था ।किंतु लगभग एक सप्ताह से अधिक समय से अप्रेल के मध्य में ही हिरन नदी की धार टूट चुकी है। हिरन नदी में नहर का पानी नही आने से हिरन नदी के कई स्थानों पर रेगिस्तान की शक्ल में नजर आ रहे हैं।
इन ग्रामों में पानी की समस्या—एक सप्ताह से अधिक समय से समस्या जटिलता की ओर बढ़ गई है।हिरन नदी के किनारे व आसपास के ग्रामों में कैलवास,उमरिया, खिन्नी, कैथरा,चन्नौटा, मल्हना,कूड़ा, कंजई, घाटसिमरिया, मोहतरा,ताला,देवरी,शहजपुरा पानी का जलस्तर क्रमशः कम होता जा रहा है कई ग्रामों में हेण्डपम्प बन्द होने लगे हैं।
हिरन के सूखने का कारण
अंचल की जीवन दायिनी हिरन नदी से रेत माफिया ने बेतहाशा रेत का उत्खनन किया। जिसके चलते हिरन का वेग लगातार कम होता गया। यही वजह की अप्रेल माह में ही हिरन नदी की धार टूटने लगी है।जबकि यह स्थिति मई माह में होती थी।
गर्मी बढ़ने से अभी और बिगड़ेंगे हालात
हिरन नदी अनेक स्थानों पर सूखना प्रारम्भ हो चुकी है। गर्मी की रफ्तार बढ़ने पर और अधिक जलसंकट के आसार बन सकते हैं। जलापूर्ति के लिए पानी रोकने अस्थाई स्टापडेम बनाना आवश्यक है या बरगी दायीं तट की मुख्य नहर से हिरन नदी में पानी छोड़ना आवश्यक है।

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