

जब-जब होई धरम की हानी, बाढ़हि असुर अधम अभिमानी : महंत श्री सीताराम शरण जी महाराज
जय भवानी कॉलोनी खितौला बाजार में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का तृतीय दिवस
सिहोरा
जब -जब होई धरम की हानी,बाढ़हि असुर अधम अभिमानी अर्थात तब-तब धरि प्रभु विविध शरीरा, हरहि दयानिधि सज्जन पीरा अर्थात जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, दुष्टों का प्रभाव बढ़ने लगता है, तब सज्जनों की पीड़ा हरने के लिए प्रभु का अवतार होता है। जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धर्म को पुर्नस्थापित करने के लिए किसी ना किसी रूप में अवतार लेते हैं। भगवान कभी राम तो कभी कृष्ण, कभी परशुराम तो कभी संतों के रूप में भी अवतार लेते हैं। प्रवचनों की अमृत वर्षा कथा व्यास पीठ से महंत श्री संत सीता राम शरण जी महाराज शनिवार को जय भवानी कॉलोनी खितौला बाजार सिहोरा में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस की।
महाराज श्री ने आगे कहा कि भागवत कथा श्रवण मात्र से मन के सारे क्लेश एवं दुख दूर हो जाते हैं। भागवत कथा के जरिये हम भगवान को प्राप्त कर सकते हैं। मानव जन्म से हम स्वर्ग को जा सकते हैं, इस देह से हमें छुटकारा मिल सकता है। भगवान श्रीकृष्ण को सबसे प्रिय है भागवत कथा। हमें हर क्षण ठाकुर जी का कीर्तन करते रहना चाहिए। कहा कि मानव मोह माया में फंसकर यह भूल जाता है कि उसका जन्म किस लिए हुआ है। ऐसे में वह अपने जन्म का उद्देश्य पूरा नहीं कर पाता है। संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा प्रारंभ होने से पूर्व पुरुषोत्तम लाल चौबे श्रीमती जयंती चौबे एवं पार्षद वार्ड क्रमांक 13 राजेश चौबे व्यासपीठ का पूजन किया। रविवार को महाराज श्री भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव एवं बाल लीला का प्रसंग संगीतमय श्रीमद् भागवत में वर्णन करेंगे।


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