बिलासपुर।उपचारात्मक शिक्षा को लेकर बड़े घोटाले की बू आ रही है बिलासपुर जिले में उपचारात्मक शिक्षा के नाम पर खानापूर्ति की गई है और बच्चों को बिना पढ़ाए ही सरकारी पैसे का बंदरबांट कर लिया गया है बता दें प्रदेश कार्यालय से बड़ी राशि सभी जिला कार्यालयों को भेजी गई है
खास तौर पर बिलासपुर में राज्य कार्यालय से मिले फंड के दुरुपयोग की बात निकल कर सामने आई है जहां प्रत्येक संकुल को दर्ज संख्या के आधार पर राशि जारी कर मार्च एंडिंग को देखते हुए आनन-फानन में शिक्षकों के खाते में राशि अंतरित की गई है
मामले की जानकारी मिलने के बाद उक्त विषय पर संज्ञान लेकर समग्र शिक्षा प्रबंध संचालक ने प्रदेशभर के समस्त जिला शिक्षा अधिकारी और समस्त जिला मिशन समन्वयक को पत्र जारी किया है और उपचारात्मक कक्षाओं के सत्यापन, छात्रों की संख्या एवं शिक्षकों द्वारा ली गई कक्षाओं का सत्यापन परीक्षण करने के बाद ही भुगतान का आदेश जारी किया है। साथ ही कुछ संकुल का जांच कर प्रतिवेदन उच्च कार्यालय को प्रेषित करने को कहा गया है इसके साथ ही प्रबंध संचालक ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि गलत भुगतान किया जाता है तो सारे मामले की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मिशन समन्वयक की होगी
2 दिन में ही पैसा निकाल लेने का आदेश
उक्त मामले में मिली जानकारी के अनुसार समस्त विकासखंड में पदस्थ बीआरसीसी ने सभी संकुल प्रभारियों को आदेश जारी कर 28 मार्च से पहले राशि आहरित करने और कमीशन पहुंचाने का निर्देश दे दिया है जिसके बाद आनन-फानन में शिक्षक इस राशि क
को अपने आकाओं तक पहुंचाने में लगे हैं अब यह बात देखने वाली होगी कि प्रदेश कार्यालय से जारी निर्देश के बाद इस बड़ी चोरी में किस हद तक रोक लग पाती है
शिक्षकों से 50% तक की मांग
जानकारी मिली है कि कुछ स्कूलों के शिक्षकों से संकुल समन्वयक व प्राचार्य 50% तक की मांग कर रहे हैं उदाहरण के लिए ₹4000 की राशि जारी की गई है तो दो हजारों से वापस मांगी जा रही है मामले जिले के कई स्कूलों में देखने को मिले हैं।
मस्तूरी बीआरसी की भूमिका पर सवाल
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मस्तूरी बीआरसीसी में पदस्थ एक प्रमुख ब्लॉक लेवल अधिकारी की भूमिका इस मामले को लेकर गौर करने योग्य है उक्त आधिकारी बच्चों के लिए लागू इस योजना के क्रियान्वयन में पलीता लगाने में मुख्य भूमिका निभा रहा है
क्या खंड शिक्षा अधिकारी जारी करेंगे नोटिस ?
मस्तूरी खंड शिक्षा अधिकारी को पूरे मामले की जानकारी होने के बाद भी अब तक ऐसे स्कूलों को कोई भी नोटिस जारी नहीं किया गया है जिन्होंने बिना उपचारात्मक शिक्षा की क्लास लगाए ही पैसे का आहरण कर लिया है बताया जाता है कि कुछ संकुल समन्वयक इस बात पर दम भर रहे हैं कि शिक्षा विभाग को अधिकारी को एक ₹2000 देकर मैनेज कर लेंगे
स्कूलों में बनाया जा रहा फर्जी रिकॉर्ड
इस संदर्भ में स्कूलों से संपर्क करने पर पाया गया है कि ज्यादातर शिक्षकों से फर्जी रिकॉर्ड बनवाया जा रहा है। वास्तविक जांच में मामला स्पष्ट हो जाएगा
मोबाइल – 9425545763