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गौड़ समाज महासभा ने घेरा सिहोरा थाना, धार्मिक चबूतरा ढहाने वालों पर 295 का मामला दर्ज करने का अल्टीमेटम
मझौली तहसील के घाना ग्राम का मामला : पुलिस ने दर्ज की सिर्फ मामूली धाराएं, आरोपियों की अभी तक नहीं हुई गिरफ्तारी
सिहोरा
मझौली तहसील के घाना ग्राम में 5 मार्च को बड़ा देव के चबूतरे को हटाने के मामले में पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ मामूली धाराएं दर्ज करने और उनकी गिरफ्तारी नहीं होने से आक्रोशित गौड़ समाज महासभा के पदाधिकारियों और ग्रामीणों ने शुक्रवार को सिहोरा थाने का घेराव कर दिया। पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की है धार्मिक चबूतरा ढहाए जाने के मामले में आरोपितों के के खिलाफ पुलिस धारा 295 ए दर्ज करें वरना पुलिस थाना प्रांगण में आमरण अनशन किया जाएगा। गौड़ समाज महासभा के पदाधिकारियों ने अपनी मांग को लेकर एसडीओपी सिहोरा को ज्ञापन भी सौंपा।
ये है मामला
आदिवासी एकता दल जबलपुर की सुरेश करपैती, गोंड महासभा की सिहोरा तहसील अध्यक्ष नवनीत ठाकुर, पूर्व जिला पंचायत सदस्य जमुना मरावी, नीलेश प्रताप सिंह, अजय अहिरवार, शिव प्रकाश मानक लाल गोटिया, दयाल चौधरी रोहिणी बाई परस्ते ने बताया कि 5 मार्च को ग्राम धाना में बड़ादेव के पूजन अर्चन के बाद बिरसा मुंडा सहित रानी दुर्गावती की प्रतिमा स्थापित हुई थी। भंडारे का प्रसाद बड़ा देव स्थल पर रखा था जिसकी सामग्री उठाने के लिए गोविंद सिंह परस्ते, रोहणी बाई, राजा मरावी,राजकुमार मरावी एवं अन्य लोग गए थे। जहां उन्होंने देखा कि बिरसा मुंडा रानी दुर्गावती का छायाचित्र जिसका पूजन अर्चन किया गया था उसे गांव के हरिओम पटेल प्रदीप पटेल अनिल पटेल अमन पटेल सहित सभी ने लात मारते हुए मंदिर की पूजन सामग्री और प्रतिमा को नष्ट कर दिया। उन सभी के हाथों में गति फावड़ा लोहे की रॉड थी एवं सभी हमारे तरफ हम को मारने के लिए दौड़े।
सिर्फ दिखावे के लिए पुलिस पहुंची मौके पर, मामूली धाराएं की दर्ज
मामले को लेकर जब हंड्रेड डायल पुलिस को सूचना दी गई तो पुलिस और प्रशासन का अमला मौके पर पहुंचा जिन्होंने घटनास्थल को देखा और मामले की जानकारी हम लोगों द्वारा पुलिस को दी गई पुलिस ने इस मामले में आरोपितों के खिलाफ सिर्फ मामूली धाराएं दर्ज की।
रिपोर्ट वापस लेने का बनाया जा रहा दबाव
संबंधित स्थल हमारी आस्था का केंद्र है जिसमें हम पूजन अर्चन करते हैं और उस का घोर अपमान हुआ है लेकिन इस बात का कहीं भी कोई जिक्र एफआईआर में नहीं किया गया जबकि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला पुलिस को दर्ज करना चाहिए था। आक्रोशित आदिवासी समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि इसके पूर्व भी इस तरह के कृत्य यह लोग कर चुके हैं और अब हमारे ऊपर भी रिपोर्ट वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। पुलिस संबंधित मामले में धारा 295 ए का मामला दर्ज करें और आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी करें वरना आदिवासी समाज आमरण अनशन करने पर विवश होगा।
इनका कहना
संबंधित मामले में आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। जहां तक धारा बढ़ाने की बात है उसकी जांच की जा रही है और जल्द ही जांच के बाद आगे की धाराएं बढ़ाई जाएंगी।
भावना मरावी, एसडीओपी सिहोरा
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