

पापियों का नाश करने भगवान पृथ्वी पर अवतरित होते हैं : पंडित इंद्रमणि त्रिपाठी
भगवान श्री कृष्ण का जन्म होते ही पूरा पंडाल जय कन्हैयालाल से गुंजायमान
सिहोरा
श्री बाबा ताल सिहोरा प्रांगण में चल रही संगीतमय सार्वजनिक श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह में बुधवार को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कथा के दौरान जैसे भगवान का जन्म हुआ तो पूरा पंडाल नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान लोग झूमने-नाचने लगे। भगवान श्रीकृष्ण की वेश में नन्हें बालक के दर्शन करने के लिए लोग लालायित नजर आ रहे थे। भगवान के जन्म की खुशी पर महिलाओं द्वारा अपने घरों से लगाए गए गुड़ के लड्डूओं से भगवान को भोग लगाया गया। इस अवसर पर कथा व्यास पीठ से पंडित इंद्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि जब धरती पर चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई, चारों ओर अत्याचार, अनाचार का साम्राज्य फैल गया तब भगवान श्रीकृष्ण ने देवकी के आठवें गर्भ के रूप में जन्म लेकर कंस का संहार किया। इस अवसर पर उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं का वर्णन किया। कथा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

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