

बिलासपुर। वर्षा थमने के साथ ही डेगू-मलेरिया के मरीज मिलने लगे हैं। शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी मलेरिया के मरीज सामने आए हैं। ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग ने शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में टीम भेजकर घर-घर सर्वे कराया जा रहा है। शहरी क्षेत्र अंतर्गत तारबाहर, व्यापार विहार, रेलवे परिक्षेत्र के साथ ही लिंगियाडीह में सर्वे किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र अंतर्गत कोटा के मलेरिया संवेदनशील गांव में सर्वे हो रहा है।
कोरोना काल में मच्छर जनित रोगों से पीड़ित मरीजों की संख्या में भले ही गिरावट आई है, लेकिन मरीज मिलते रहे हैं। हाल ही में शहर में डेंगू की दस्तक हुई है। दो दिन पहले ही शहरी क्षेत्र में डेंगू के चार मरीज मिलने की पुष्टि की गई है। वहीं, कोटा विकासखंड में मलेरिया के तीन मरीज मिले हैं। इसके बाद अब स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के निर्देश पर मलेरिया विभाग द्वारा संबंधित क्षेत्रों में सर्वे शुरू कर दिया गया है। साथ ही लार्वा विनष्टीकरण के प्रयास चल रहे हंै। मितानिनों से घर-घर सर्वे के साथ ही वर्षा के बाद खाली बर्तनों और टायर, कूलरों में जमा पानी साफ कराया जा रहा है। नालियों में एंटी लार्वा दवा का छिड़काव के साथ ही लोगों को डेंगू-मलेरिया के बारे में अवगत कराया जा रहा है। साथ ही इनके लक्षणों के बारे में जानकारी देकर संदेह मरीज मिलने पर उपचार के लिए तुरंत अस्पातल भेजने की हिदायत दी जा रही है।
इस वर्ष डेंगू के 34 मामले आए सामने
मलेरिया विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक डेंगू के 34 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से चार मरीज अक्टूबर में मिले हैं। ये सभी केस सीपत, मस्तूरी, कोटा और बिलासपुर के तारबहार, व्यापार विहार, रेलवे क्षेत्र और लिंगीयाडीह से मिले है। लगातार निजी नर्सिंग होम और अपोलो हास्पिटल से डेंगू और मलेरिया के मरीजों की सूचना भी ली जा रही है।

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