

सन्तान की खुशहाली के लिये महिलाओं ने सन्तान सप्तमी व्रत रखा
चांदी की चूड़ी का पूजन कर धारण किया
गांधीग्राम
शुक्रवार को पौराणिक निवास एवम कूड़ा कंजई तिराहा गांधीग्राम में व्रतधारी महिलाओं ने एकत्रित होकर सन्तान सप्तमी व्रत का पूजन अर्चन किया। भादो माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को पुत्रवती माताओं ने अपनी संतान की सुख- समृद्घि के लिए संतान सप्तमी का व्रत रखा। इस व्रत में मालपुए बनाकर भोग लगाया गया और इन्हीं का सेवन करके व्रत खोला गया। इस मौके पर चांदी की चूड़ी का परंपरागत तरीके से पूजन में शामिल कर महिलाओं ने धारण भी किया। यह चूड़ी संतान की सुरक्षा व मंगल कामना को लेकर माताएं पूजन कर धारण की। यह व्रत गांधीग्राम व आसपास के ग्रामों में आस्था भाव के साथ मनाया गया। विशेष रूप से संतान प्राप्ति, संतान रक्षा और संतान की उन्नति के लिए किया जाता है। संतान सप्तमी व्रत में भगवान शिव एवं माता गौरी की पूजा की गई। सुबह व्रत धारी महिलाओं ने कंजी वृक्ष की दातुन किया फिर स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और भगवान शंकर की पूजा की। यह व्रत पूरी तरह से निराहार रखा गया । दोपहर में चौक पुरकर,चंदन, अक्षत ,धूप ,दीप ,नैवेद्य सुपारी तथा नारियल आदि से भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा की गई। सप्तमी तिथि के व्रत में नैवेद्य के रूप में मीठे पुए बनाए गए। यही प्रसाद भगवान को अर्पित किया गया फिर व्रत की कथा पौराणिक राघवेंद्र त्रिपाठी द्वारा महिलाओं को सुनाई गई।
ये रही उपस्थित….पूजन में सीमा त्रिपाठी, वंदना मिश्रा,साधना असाटी,शोभा यादव, ललता असाटी, कीर्ति असाटी, शोभना असाटी, रूबी पटेल, पुष्पा पटेल ,संगीता असाटी, रिंकी असाटी, जानकी बाई,रजनी पटेल,पुष्पा पटेल, वर्षा असाटी, डाली चौरसिया, रंजना विश्वकर्मा,रेखा शर्मा सहित अनेक महिलाएं उपस्थित रही

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