जांजगीर जिले में पिहरिद गांव में बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे में फंसे 10 साल साल के राहुल को निकालने का प्रयास 48 घंटे बाद भी जारी है इधर टनल बनाकर राहुल को बचाने के प्रयासों में बड़ी चट्टान ने रोड़े अटका दिए है। जिसके कारण उसके पास तक पहुंचने में रेस्क्यू टीम को समय लग रहा है। जानकारी के अनुसार अभी 10 फीट टनल खोदने का काम बाकी है। जिसमें कम से कम 5 घंटे से ज्यादा का वक्त लग जाएगा। राहुल को निकालने के लिए पिछले 60 घंटे से ज्यादा समय से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
लगभग 60 फीट गड्ढा खोदने के बाद के बाद टनल के लिए खुदाई की जा रही है। मगर चट्टान की वजह से रेस्क्यू टीम को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। बड़ी ड्रिल मशीन का उपयोग भी नहीं किया जा रहा, क्योंकि इससे राहुल को परेशानी हो सकती है। बाकी का काम छोटे ड्रिल मशीन और हाथी के खुदाई के जरिए किया जा रहा है। इससे पहले रोबोट इंजीनियर की सहायता लेकर राहुल को निकालने का प्रयास किया गया था, लेकिन वह सफल नहीं रहा।
सीएम ने रात में किया ट्वीट
मैंने कलेक्टर जांजगीर-चांपा को भी निर्देश किया है कि आपातकालीन चिकित्सा की पूर्ण तैयारी रखी जाए, साथ ही कलेक्टर बिलासपुर को भी सिम्स, अपोलो हॉस्पिटल में तैयारी रखने के निर्देश दिए हैं।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 12, 2022
कलेक्टर भी गड्ढे में उतर हुए थे।
SDRF, NDRF, सेना के जवान, प्रशासन के अधिकारी गड्ढे में ही मौजूद हैं। बच्चे के परिजन भी उस जगह पर हैं, जहां पर बोरवेल के लिए गड्ढा किया गया था। राहत की बात ये है कि राहुल लगातार हलचल कर रहा है। वह प्रशासन की टीम को सहयोग भी कर रहा है। राहुल के लिए ना सिर्फ जांजगीर जिले में, बल्कि पूरे प्रदेशभर के लोग प्रार्थना कर रहे हैं।
मां-बाप का बड़ा बेटा है राहुल
हादसे के बाद से ही राहुल की मां और उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। हर कोई यह उम्मीद लगाए बैठा है कि जल्दी से राहुल को बाहर निकाल लिया जाए। पूरे गांव के लोग भी 2 दिन से उसी जगह पर टिके हुए हैं, जहां पर बच्चा गिरा है। राहुल अपने मां-बाप का बड़ा बेटा है। उसका छोटा भाई 2 साल छोटा है। पिता की गांव में बर्तन दुकान है।
शुक्रवार को हुई थी घटना
राहुल साहू (10) का शुक्रवार दोपहर 2 बजे के बाद से कुछ पता नहीं चला। जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए तो राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है। बोरवेल का गड्ढा 80 फीट गहरा है। बच्चा लगभग 50 फीट गहराई में फंसा है। ये भी बताया गया है कि बच्चा मूक-बधिर है, मानसिक रूप से काफी कमजोर है। जिसके कारण वह स्कूल भी नहीं जाता था। घर पर ही रहता था।