

बस ऑपरेटरों की मनमानी के आगे नतमस्तक हुए नगर परिषद अधिकारी एवं प्रशासक
बसों का संचालन तो दूर की बात बसों को खड़ा नही करवा पा रहे बस स्टैंड में
मझौली
मझौली बस स्टैंड निर्माण के नाम पर पूर्व में 13 लाख रुपये खर्च किये गए उसके बाद अपने लोगो को फायदा पहुचाने के नाम पर नगर परिषद के द्वारा रंग रोगन एवं मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये खर्च किये गए पर जिस काम के लिए जनता नजे मेहनत एवं खून पसीने के उपयोग किया गया। वह काम नगरपरिषद के द्वारा नही कराया गया कुछ बस ऑपरेटरों की मनमानी के आगे नगर परिषद अधिकारी पूरी तरह से नतमस्तक होकर रह गए। कार्यवाही के नाम पर केवल आस्वासन दिया जाता है परंतु कोई ठोस एवं उचित कार्यवाही नही की जा रही है। बस स्टैंड का संचालन कराना तो दूर की बात बेस भी बस स्टैंड में खड़ी नही हो पा रही है। अधिकारियों को अपने पद की गरिमा को ध्यान में रखना होगा। अपने अधिकारों का उपयोग करना होगा जिससे कार्य सही ढंग से संचालित हो सके बस संचालको के द्वारा बेस बस स्टैंड में खड़ी नजे करके नगर परिषद के सामने खड़ी की जा रही है। क्या यह बात नगर परिषद अधिकारी मोसम पालेवार को नजर नही आ रही। जब भी उनसे अतिक्रमण या बस स्टैंड के मद्दे पर बात की जाती है तो केवल मौखिक रूप से कार्यवाही करने की बात की जाती है, परंतु कार्यवाही नही की जाती है जब बस स्टैंड में बसों का संचालन नही कराया जा सकता तो क्यों जनता के मेहनत के पैसों का दुरुपयोग किया जा रहा है।

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